सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षणिक विकास हेतु बालगंगा महाविद्यालय की स्थापना क्षेत्रीय बुद्धिजीवियों एवं समाजसेवियों द्वारा 5 अगस्त 1991 को सेन्दुल गांव में की गई, जिसका उदघाट्न हेमवती नन्दन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय श्रीनगर-गढ़वाल के तत्कालीन कुलपति प्रो0 एस0 पी0 नौटियाल जी के कर कमलों द्वारा हुआ। सेन्दुल गांव विकास खण्ड भिलंगना एवं जाखणीधार के केन्द्र स्थल में स्थित है, जो तहसील मुख्यालय घनसाली से मात्र चार कि0मी0 दूर है।
बालगंगा महाविद्यालय की मात ृ संस्था बालगंगा शिक्षा प्रसार समिति है, जो विगत छः दशकों से क्षेत्र में शिक्षा के प्रचार-प्रसार में संलग्न है। संस्था की स्थापना प्रसिद्ध समाज सेवी एव ं विद्धान स्वर्गीय डॉ0 वाचस्पति मैठाणी द्वारा की गई। महाविद्यालय के उदघाट ्न के पश्चात् महाविद्यालय में स्नातक स्तर पर शिक्षण कार्य अनवरत रूप से चल रहा है, तथा सैकड़ों छात्र-छात्रायें उच्च शिक्षा सुविधा का लाभ प्राप्त कर रहे हैं।
महाविद्यालय में कला संकाय के अन्तर्गत हिन्दी, संस्कृत, अंग्र ेजी, भूगोल, राजनीति विज्ञान, समाज शास्त्र, अर्थशास्त्र, चित्रकला, मानव विज्ञान एवं इतिहास के अतिरिक्त विज्ञान संकाय के अन्तर्गत जन्तु विज्ञान, वनस्पति विज्ञान, रसायन विज्ञान, भौतिक विज्ञान एवं गणित सहित कुल पन्द ्रह विषयों की स्नातक स्तर पर अध्ययन की सुविधा है। उक्त समस्त विषय उत्तराखण्ड शासन से मान्यता प्राप्त एवं हे0न0ब0 गढ़वाल विश्वविद्यालय श्रीनगर गढ़वाल से सम्बद्धता प्राप्त है।
महाविद्यालय उत्तराखण्ड शासन के आदेश संख्या - 1042/गगपअ(7)9/(2)2009/ शिक्षा अनुभाग - 7 (उच्च शिक्षा)/देहरादून, दिनांक 14 अक्ट ूबर 2009 द्वारा अनुदान सूची में सम्मिलित हो चुका है। .
To impact fututuristic qualitative education and plan to get the benefits of education from remote areas, as well as establish vocational courses for rural students and install students of teacher education staff who set global standards making our students educationally strong who turn shall improve the quality of the human race A strong free minded and capable youth with social bonding.